NCERT Class 8 Social Science Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

NCERT Class 8 Social Science Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

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NCERT Class 8 Social Science Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति
संसाधन

 

NCERT Class 8  Social Science Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन Ncert Textbook Questions Solved

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 

(i) प्रतिदिन आपके उपयोग में आने वाले तीन सामान्य खनिजों के नाम बताइए।

उत्तर- प्रतिदिन उपयोग में आने वाले तीन सामान्य खनिज निम्न प्रकार हैं-

(क) लोहा (ख) ताँबा (ग) ऐलुमिनियम ।

(ii) अयस्क क्या है? धात्विक खनिजों के अयस्क | सामान्यत: कहाँ पाए जाते हैं?

उत्तर-अयस्क – विभिन्न शैल जिनसे खनिजों का खनन किया जाता है, अयस्क कहे जाते हैं।धात्विक खनिज आग्नेय और कायान्तरित शैल समूहों, जिनसे विशाल पठारों का निर्माण होता है, में पाए जाते हैं। 

(iii) प्राकृतिक गैस संसाधनों में सम्पन्न दो प्रदेशों के नाम बताइए ।

उत्तर- प्राकृतिक गैस संसाधनों से सम्पन्न दो प्रमुख प्रदेश | हैं— (क) रूस (ख) नीदरलैण्ड ।

(iv) निम्न के लिए आप ऊर्जा के किन स्रोतों का सुझाव देंगे-

(क) ग्रामीण क्षेत्रों (ख) तटीय क्षेत्रों (ग) शुष्क प्रदेशों।

उत्तर- (क) ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ऊर्जा के स्रोत – ग्रामीण क्षेत्रों में हम ऊर्जा हेतु ईंधन तथा बायोगैस के उपयोग हेतु सुझाव देंगे।

(ख) तटीय क्षेत्रों के लिए ऊर्जा के स्रोत-तटीय क्षेत्रों में हम ऊर्जा के स्रोत के रूप में पवन ऊर्जा के उपयोग हेतु सुझाव देंगे तथा ज्वारीय ऊर्जा का भी उपयोग किया जा सकता है।

(ग) शुष्क प्रदेशों के लिए ऊर्जा के स्रोत-शुष्क प्रदेशों में हम ऊर्जा के स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा के उपयोग का सुझाव देंगे।

(v) पाँच तरीके दीजिए जिनसे कि आप घर पर ऊर्जा बचा सकते हैं।

उत्तर-घर में ऊर्जा बचाने के पाँच तरीके निम्न प्रकार हैं-(क) घरों में आवश्यकतानुसार ही बिजली के उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए, अनावश्यक उपयोग पर रोक लगानी चाहिए।

(ख) घरों में कम से कम बिजली के उपकरणों का उपयोग किया जाना चाहिए।

(ग) दिन के समय सूर्य की रोशनी का उपयोग करना चाहिए। अनावश्यक लाइट नहीं जलानी चाहिए। (घ) उच्च गुणवत्ता वाले बिजली उपकरणों का उपयोग करना चाहिए, उनमें बिजली की कम खपत होती है।

(ङ) सौर ऊर्जा से संचालित उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए। 

प्रश्न 2. सही उत्तर को चिह्नित कीजिए-

(i) निम्नलिखित में से कौनसी एक खनिजों की विशेषता नहीं है—

(क) ये प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं।

(ख) उनका एक निश्चित रासायनिक संघटन होता है।

(ग) वे असमाप्य होते हैं।

(घ) उनका वितरण असमान होता है।

 (ii) निम्नलिखित में से कौन विश्व में ताँबे का अग्रणी उत्पादक है? (

क) बोलीविया

(ग) घाना

(ख) चिली

(घ) जिम्बाब्वे ।

(iii) निम्नलिखित प्रक्रियाओं में से कौनसी आपके रसोई | घर में दवित पेट्रोलियम गैस (एल.पी.जी.) को संरक्षित नहीं करेगी-

 (क) पकाने से पहले पाल को कुछ समय के लिए भिगोना।

(ख) प्रेशर कुकर में खाना पकाना।

 (ग) पकाने के लिए गैस जलाने से पूर्व सब्जी को काट लेना।

(च) खुली कढ़ाई में कम ज्याला पर भोजन पकाना।

 उत्तर- (i) (ग) (ii) (ख) (iii) (घ)

प्रश्न 3. कारण बताइए-

(i) बड़े बाँधों के निर्माण के पूर्व पर्यावरणीय पहलुओं को ध्यानपूर्वक देखना चाहिए।

उत्तर-बड़े बांधों के निर्माण से पूर्व पर्यावरणीय पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाना चाहिए, अन्यथा पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ सकता है। बांध निर्माण के संबंध में गलत निर्णय लिए जाने पर स्थानीय भूकंप, भूस्खलन, वनों की कटाई की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

(ii) अधिकांश उद्योग कोयला खानों के पास केन्द्रित होते हैं। 

उत्तर- अधिकांश उद्योग कोयला खदानों के पास स्थापित हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि अधिकांश उद्योगों में कोयले का उपयोग कच्चे माल या ईंधन के रूप में किया जाता है। यदि उद्योगों को कोयले की खदानों से दूर स्थापित किया जाता है, तो उसे परिवहन की अधिक लागत वहन करनी होगी और समय भी अधिक लगेगा।

(iii) पेट्रोलियम को ‘काला सोना’ कहा जाता है।

उत्तर-  कच्चे (crude क्रूड)  पेट्रोलियम को विभिन्न प्रकार के उत्पादों जैसे डीजल, गैसोलीन, मिट्टी के तेल, मोम, प्लास्टिक और स्नेहक के उत्पादन के लिए संसाधित किया जाता है। ये सभी उत्पाद अत्यधिक मूल्यवान हैं, इसलिए इससे बने उत्पादों को ‘ब्लैक गोल्ड’ कहा जाता है।

(iv) आखनन पर्यावरणीय चिंता का विषय हो सकता है।

उत्तर-वह प्रक्रिया जिसके द्वारा सतह के पास स्थित खनिजों को आसानी से निकाला जाता है, खनन कहलाती है। अत्यधिक शिकार से पर्यावरण में असंतुलन पैदा होता है और इससे भूमि प्रदूषण भी होता है। खनन ने वनस्पति आवरण को भी नुकसान पहुँचाया है जिसके परिणामस्वरूप पारिस्थितिक असंतुलन हुआ है।

प्रश्न 4. निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए- v.v.v important 2023 board exam

(i) परम्परागत और गैर-परम्परागत ऊर्जा के स्रोत 

(ii) बायो गैस और प्राकृतिक गैस

 (iii) लौह और अलौह खनिज

 (iv) धात्विक और अधात्विक खनिज

उत्तर- (i) परम्परागत और गैर-परम्परागत ऊर्जा के स्रोत 

ऊर्जा के परम्परागत स्रोत ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोत
1. ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों का उपयोग लम्बे समय से किया जा रहा है 1. ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों का उपयोग पिछले कुछ वर्षों से ही शुरू हुआ है। 
2. जल विद्युत को छोड़कर ऊर्जा के परम्परागत स्रोत गैर-नवीकरणीय होते हैं। 2. ऊर्जा के गैर-परम्परागत लोत नवीकरणीय होते हैं।
3. इन स्रोतों के उपयोग से पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है। 3. इन स्रोतों के प्रयोग से पर्यावरण में प्रदूषण नहीं फैलता है।
4.इसमें कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, ईंधन, जल विद्युत आदि आते हैं। 4. इसमें पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बायो गैस, भू-तापीय ऊर्जा आदि आते हैं।

 

(ii) बायो गैस और प्राकृतिक गैस- 

 

बायो गैस  प्राकृतिक गैस
1. यह कार्बनिक अपशिष्ट जैसे मृत पौधे और के अवशेष, पशुओं के गोबर आदि से बनती है। 1.प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम के साथ पाई जाती है जिसे तेल निकालते समय अलग किया जाता है 
2. यह खाना पकाने तथा घरेलू ऊर्जा का स्रोत है। 2. इसका उपयोग घरेलू तथा वाणिज्य दोनों स्तरों पर किया जाता है 
3. यह ऊर्जा का एक नवीकरणीय स्रोत है। 3. यह ऊर्जा का एक गैर नवीकरणीय स्रोत है 

 

(iii) लौह और अलौह खनिज-Class 8 Social Science Geography Chapter 3

 

लौह खनिज अलौह खनिज
1. जिन धात्विक खनिज पदार्थों में लौह का अंश पाया जाता है उन्हें लौह खनिज कहा जाता है; जैसे लौह अयस्क । 1. जिन धात्विक खनिजों में लौह का अंश नहीं पाया जाता है उन्हें अलौह खनिज कहा जाता है; जैसे-सोना, चाँदी आदि।
2. ये प्राय: भूरे रंग के होते हैं। 2. ये विभिन्न रंगों के होते हैं।
3. इन खनिजों का उपयोग इस्पात उद्योग में किया जाता है। 3. खनिजों का उपयोग विभिन्न कामों में किया जाता है।

 

 (iv) धात्विक और अधात्विक खनिज-Class 8 Social Science Geography Chapter 3

 

धात्विक खनिज अधात्विक खनिज
1. ये वे खनिज हैं जिनसे हमें धातुएँ प्राप्त होती हैं; जैसे -लौह अयस्क, बॉक्साइट आदि । 1. इन खनिजों से धातुएँ नहीं प्राप्त होतीं; जैसे- चूना पत्थर, अभ्रक आदि।
2. इनमें चमक होती है। 2. इनमें चमक नहीं होती।
3. इनको पीट कर पतली चादरों का रूप दिया जा सकता है। 3. ये पीटने से टूट जाते हैं और इनके तार नहीं खींचे जा सकते।
4. सोना, लोहा, चाँदी इसके उदाहरण हैं। 4. संगमरमर, कोयला, पेट्रोलियम, अभ्रक इसके उदाहरण हैं।
5. ये खनिज आग्नेय और कायान्तरित शैलों से प्राप्त होते हैं।  5. ये खनिज हमें अवसादीशैलों से प्राप्त होते हैं।

 

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अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

लघुउत्तरीय प्रकार के प्रश्न

प्रश्न 1. खनिज से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- एक निश्चित रासायनिक संरचना वाले प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ को खनिज कहा जाता है। खनिज विभिन्न प्रकार की चट्टानों में पाए जाते हैं जिनका वितरण विश्व में बहुत असमान है। खनिज बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा बनते हैं। इन्हें उनके भौतिक गुणों जैसे रंग, घनत्व, कठोरता और रासायनिक गुणों के आधार पर पहचाना जाता है। खनिजों को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है- धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज।

प्रश्न 2. खनिजों के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।

 उत्तर–खनिज मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-

(1) धात्विक खनिज- धात्विक खनिजों में धातुएँ कच्चे रूप में पाई जाती हैं। वे मुख्य रूप से आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों में पाए जाते हैं। लौह अयस्क, तांबा, चांदी, मैंगनीज, बॉक्साइट इसके कुछ उदाहरण हैं। धात्विक खनिज दो प्रकार के होते हैं – लौह खनिज और अलौह खनिज।

(2) अधात्विक खनिज- अधात्विक खनिजों में कोई भी धातु नहीं पायी जाती है, जैसे- चूना पत्थर, अभ्रक, जिप्सम, कोयला आदि। ये खनिज मुख्यतः अवसादी शैलों में पाये जाते हैं।

प्रश्न 3. खनिजों के निष्कर्षण की विभिन्न विधियों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- खनिजों का निष्कर्षण निम्नलिखित खनन विधियों द्वारा किया जाता है (1) ओपनकास्ट खनिज जो उथली गहराई पर स्थित होते हैं, सतह के स्तर को हटाकर निकाले जाते हैं। खोलो इसे खनन कहा जाता है। 

(2) कृपकी खनन – कुएँ अधिक गहराई में स्थित खनिजों को निकालने के लिए बनाए जाते हैं। इसे कृप्की माइनिंग कहते हैं।

(3) भेदन – प्राकृतिक तेल और गैस निकालने के लिए गहरे कुएँ खोदे जाते हैं। इसे प्रवीण कहते हैं।

(4) आखनन वह प्रक्रिया जिसके द्वारा सतह के पास स्थित खनिजों को आसानी से खोदा जाता है, आखनन कहलाती है।

प्रश्न 4. खनिजों के उपयोगों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- खनिजों का उपयोग अनेक उद्योगों में होता है, खनिजों का उपयोग अनेक उद्योगों में कच्चे माल के रूप में होता है। रत्न, सोना, चाँदी आदि खनिजों का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है। तांबे का उपयोग सिक्कों के निर्माण से लेकर पाइप बनाने तक हर चीज में किया जाता है। क्वार्ट्ज कंप्यूटर में उपयोग किया जाता है। एल्यूमीनियम का। ऑटोमोबाइल, हवाई जहाज, बॉटलिंग उद्योग, भवन निर्माण, बर्तन आदि में उपयोग किया जाता है। कोयला, पेट्रोलियम आदि का उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। लौह-अयस्क का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है।

प्रश्न 5. खनिजों के संरक्षण की क्या आवश्यकता है ?

  उत्तर- खनिज बहुत ही मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन हैं जिन्हें बनने में हजारों वर्ष लग जाते हैं। अतः खनिज अनवीकरणीय संसाधन हैं। इन खनिजों के निर्माण की दर बहुत कम है, जबकि मानव द्वारा इन खनिजों के उपयोग की दर काफी तेज है। अत: इन खनिजों के भण्डारों में निरन्तर कमी होती जा रही है तथा मनुष्य के अत्यधिक प्रयोग से इन खनिजों के समाप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। यदि ये खनिज समाप्त हो गए तो आने वाली पीढ़ी के सामने एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इसलिए इन खनिजों का संरक्षण बहुत जरूरी है।

प्रश्न 6. ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर-ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत वे हैं जिनका उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। ईंधन और जीवाश्म ईंधन पारंपरिक ऊर्जा के दो प्रमुख स्रोत हैं। ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों में मुख्य रूप से खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, ईंधन, कोयला, जल विद्युत आदि शामिल हैं। ऊर्जा के अधिकांश पारंपरिक स्रोत गैर-नवीकरणीय हैं, जिन्हें बनने में हजारों साल लग जाते हैं। परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के अत्यधिक प्रयोग से इनके समाप्त होने का खतरा है।

प्रश्न 7. ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर- विगत कुछ वर्षों से ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों का उपयोग होता रहा है तथा इनका उपयोग निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों में पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, बायो गैस, भूतापीय ऊर्जा आदि शामिल हैं। ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत नवीकरणीय हैं और ये स्रोत पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करते हैं। इन स्रोतों के उपयोग से पारंपरिक स्रोतों के समाप्त होने का जोखिम भी कम होगा।

प्रश्न 8. पवन ऊर्जा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर- पवन ऊर्जा एक अपरंपरागत ऊर्जा स्रोत है। पवन ऊर्जा का एक अटूट स्रोत है। पवन चक्कियों में, तेज़ गति वाली हवाएँ पवनचक्की को घुमाती हैं जो बिजली पैदा करने के लिए एक जनरेटर से जुड़ा होता है। पवन चक्कियों के समूहों से युक्त पवन फ़ार्म तटीय क्षेत्रों और पहाड़ी घाटियों में स्थित हैं जहाँ तेज और लगातार हवाएँ चलती हैं। पवन फार्म नीदरलैंड, जर्मनी, डेनमार्क, यू.के., यू.एस.ए. और स्पेन में पाए जाते हैं जो पवन ऊर्जा उत्पादन में उल्लेखनीय हैं।

प्रश्न 9. भूतापीय ऊर्जा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 

भूतापीय ऊर्जा – पृथ्वी से प्राप्त होने वाली ऊष्मा ऊर्जा को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं। पृथ्वी के अंदर गहराई के साथ तापमान बढ़ता है। कभी-कभी यह ऊष्मीय ऊर्जा गर्म पानी के झरनों के रूप में पृथ्वी की सतह पर प्रकट हो सकती है। इस ऊष्मा ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है। वर्षों से भूतापीय ऊर्जा का उपयोग खाना पकाने, गर्म करने और नहाने के लिए गर्म पानी के स्रोत के रूप में किया जाता रहा है। यूएसए यह दुनिया का सबसे बड़ा भू-तापीय ऊर्जा संयंत्र है। भारत में भूतापीय विद्युत संयंत्र हिमाचल प्रदेश में मणिकरण और लद्दाख में पुगा घाटी में स्थित हैं।

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